टीच टू ईच को शिक्षा के क्षेत्र में मिली एक और सफलता
विगत कई वर्षों से ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों के गरीब परिवार के प्रतिभावान बच्चों को शासन द्वारा संचालित आवासीय (नवोदय, श्रमोदय ,ज्ञानोदय आदि) विद्यालय में प्रवेश दिलाने की मुहिम में जुटी संस्था को इस वर्ष एक और बड़ी सफलता तब मिली जब उसके सेंटर में अध्ययन करने वाले 6 बच्चों का चयन श्रमोदय आवासीय विद्यालय प्रवेश परीक्षा-2022 में हुआ ।इन सभी बच्चों का चयन कक्षा 6 वी सत्र 2022 – 23 के लिए हुआ है।इससे पूर्व वर्तमान सत्र के लिए ही 11 बच्चो का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय और 10 बच्चों का चयन ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय के लिए भी हुआ है। श्रमोदय विद्यालय जबलपुर हेतु चयनित, अर्चना पटेल,राजकुशवाह,चाँदनी दाहिया,आचंल पटेल,अनिल दाहिया,याचनी पटेल सभी छात्र/ छात्राएं मड़वा सेंटर से है ।संस्था की इस उपलब्धि के लिए संस्था के संचालक डॉ राकेश पटेल ( सह प्राध्यापक मेडिसिन विभाग मेडिकल कॉलेज रीवा ) सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है। बच्चों ,शिक्षक एवम इस कार्य मे लगी पूरी टीम को बधाई दी है और आशा व्यक्त की भविष्य में भी सामाजिक शुभचिंतकों के सहयोग से हम और बेहतर कर पाएंगे। मड़वा सेंटर में अध्यापन कार्य श्री वीरेन्द्र जी द्वारा कराया जाता है।पिछले वर्षों में भी मड़वा सेंटर से बच्चो का चयन श्रमोदय विद्यालय में हुए है ।
जैसा कि आप सबको विदित है teach to each एक सामाजिक सरोकार से सम्बद्ध संस्था है जो शिक्षा, स्वास्थ्य व पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रयासरत है।संस्था मुख्यतः गरीब परिवार के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने एवम शैक्षणिक माहौल बनाने हेतु प्रयासरत है।इस हेतु संस्था रीवा,सीधी सतना और सिंगरौली जिले में 40 से अधिक प्राथमिक एवम हाई स्कूल के निःशुल्क कोचिंग सेंटर संचालित कर 600 से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा रही है। संस्था के प्रयासो के कारण ही गरीब परिवारो के 100 से अधिक प्रतिभावान बच्चों का चयन अब तक शासन द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में हो चुका है और बच्चे प्रवेश लेकर अध्ययनरत है।
शैक्षणिक माहौल बनाने हेतु “मिशन कलम ” के तहत मासिक टेस्ट लिया जाता है जिसमे 25 से अधिक गांव के बच्चे भाग लेते है ।भाग लेने वाले प्रत्येक बच्चे को प्रोत्साहन स्वरूप पेन पेंसिल कॉपी आदि प्रदान किया जाता है।
पर्यावरण संरक्षण हेतु ग्राम बुढ़वा में teach to each garden विकसित किया जा है।जिसमे 500 से अधिक फलदार एवम छायादार वृक्षो का रोपण कर संरक्षित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य शिविर लगाकर जरूरतमन्दो को परामर्श एवम दवाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।
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